जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। ईरान और इजरायल के बीच पिछले कुछ दिनों से चल रहे युद्ध को समाप्त करने के लिए सीजफायर पर सहमति बनने का भारत ने भी स्वागत किया है। भारत ने मौजूदा विवाद को समाप्त करने के लिए अपनी तरफ से हरसंभव मदद करने की पेशकश भी की है।

इजरायल और ईरान के बीच सीजफायर कराने की घोषणा

भारत के विदेश मंत्रालय का यह बयान अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की तरफ से इजरायल और ईरान के बीच सीजफायर कराने की घोषणा के कुछ ही घंटों बाद आया है। सीजफायर पर अपनी सधी प्रतिक्रिया देने के साथ भारत समूचे खाड़ी क्षेत्र पर नजर बनाए हुए है।

भारत ने ऑपरेशन सिंधु चला रखा है

मध्य पूर्व में स्थित भारत के सारे दूतावास लगातार वहां रहने वाले भारतीय नागरिकों के साथ संपर्क में हैं। इस बारे में दिल्ली को भी लगातार सूचना दी जा रही है। इस क्षेत्र में भारत के एक करोड़ से ज्यादा नागरिक काम करते हैं। कुछ देशों से अपने नागरिकों को स्वदेश लाने के लिए भारत ने ऑपरेशन सिंधु चला रखा है।

विदेश मंत्रालय ने अपने बयान में कहा है कि ईरान के परमाणु ठिकानों पर अमेरिकी हमले और कतर स्थिति अमेरिकी सैन्य ठिकानों पर ईरान की जवाबी कार्रवाई समेत ईरान और इजरायल के बीच जारी विवाद से जुड़े हर घटनाक्रम पर हम नजर रखे हुए हैं।

सीजफायर का भारत ने किया स्वागत

आगे कहा कि हम इस क्षेत्र की सुरक्षा व स्थिरता को देखते हुए काफी चिंतित हैं, लेकिन अमेरिका और कतर की मध्यस्थता की वजह से ईरान और इजरायल के बीच सीजफायर की आई सूचना का हम स्वागत करते हैं। इस क्षेत्र से जुड़े कई विवादों के समाधान के लिए वार्ता और कूटनीति का कोई दूसरा विकल्प नहीं है।

भारत अपनी भूमिका निभाने को तैयार है। उम्मीद करता है कि सभी संबंधित पक्ष शांति व स्थिरता स्थापित करने के लिए आपस में मिलकर काम करेंगे। इस बयान से साफ है कि भारत ने ईरान की तरफ से अमेरिकी सैन्य ठिकानों पर किए गए हमले को जवाबी कार्रवाई के तौर पर परिभाषित किया है।

भारत के ईरान और इजरायल दोनों के साथ बेहतर संबंध हैं

भारत उन गिने चुने देशों में शामिल है, जिसका ईरान और इजरायल दोनों के साथ बेहतर संबंध है। इजरायल के साथ युद्ध शुरू होने के बाद ईरान के राष्ट्रपति मसूद मजेशकियां ने बहुत ही गिने चुने वैश्विक नेताओं से बात की है। दो दिन पहले उन्होंने पीएम नरेन्द्र मोदी से बात की थी।

वार्ता की पेशकश ईरान की तरफ से ही आया था

वार्ता की पेशकश ईरान की तरफ से ही आया था। ईरानी राष्ट्रपति के साथ वार्ता में पीएम मोदी ने मध्य पूर्व की स्थिति पर गहरी चिंता जताई थी और तनाव को घटाने के लिए वार्ता व कूटनीति को अपना